लेखनी प्रतियोगिता लेख-कहानी - कुल्हड़ की चाय - विजय पोखरणा "यस"-06-Jan-2023
🫖🫖कुल्हड़ की चाय🫖🫖
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कुल्हड़ भारत में आदि काल से प्रचलन में हैं।
यह एक शुद्धता का प्रतिक हैं। इसकी भीनी भीनी खुशबू अलग महत्व रखती हैं। इसके निर्माण में मिट्टी का विशेष महत्व हैं। मिट्टी याने धरती का कण। कुल्हड़ बनाना एक विशेष कला हैं। कुम्हार चाक पर अपनी हाथों कि उत्कर्ष कारीगरी को अंजाम देता हैं।
लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री के समय में कुल्हड़ को विशेष महत्व दिया। उन्होंने रेलवे स्टेशन पर चाय के लिए केवल कुल्हड़ में चाय देने का आदेश देकर उनके निर्माता को रोजगार को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। उसके बाद सभी स्टेशन पर कुल्हड़ में चाय मिलने लगी।
कुछ अहम जानकारियां निम्न प्रकार है
1 .स्लर्प कि एक रिपोर्ट के मुताबिक,ये एक ऐसा इको फ्रेंडली प्रोडक्ट है, जो चाय पीने के बाद पेट में होने वाली एसिडिटी की समस्या तक को दूर रखने में मदद करता है।
2. कुल्हड़ में अल्कालाइन पाया जाता है, जो पेट में एसिड नहीं बनने देता जिससे चाय पीने के बाद गैस की समस्या नहीं होती है. इस तरह चाय पीने के बाद आपको खट्टी डकार और पाचन संबंधित समस्याओं से परेशान नहीं होना पड़ता है।
3. कई बार हम प्लास्टिक के कप में गर्म चाय पीते हैं, जिस वजह से चाय में कैमिकल का प्रभाव आ सकता है. जब आप मिट्टी के पके हुए इसे कुल्हड़ में चाय पीते हैं तो ये इको फ्रेंडली और कैमिकल फ्री होने की वजह से हमें कैमिकल से दूर रखता है।
4. प्लास्टिक के ग्लास या कप में दुकान पर चाय पीते हैं तो ये अच्छी तरह से धुले नहीं होते हैं, जिससे संक्रमण होने का खतरा ज्यादा रहता है. हालांकि, कुल्हड़ के कप का इस्तेमाल होता है, जिससे संक्रमण का खतरा नहीं होता है ।
इसकी भीनी भीनी खुशबू का अलग ही महत्व हैं। इसका कोई सानी नहीं हैं। किसी समय में डिस्पोजल को महत्व दिया जाता था। तदुरान्त मिट्टी के कुल्हड़ को विशेष स्थान प्राप्त हो गया। ओल्ड इज गोल्ड को पुनः महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त होता गया और चाय हो चाहे दूध हो पीने के लिए कुल्हड़ को अव्वल स्थान प्राप्त हो गया। आज प्लास्टिक के कप या डिस्पोजल कप को केंसर कारक मान कर पुनः कुल्हड़ को प्रमुख स्थान हासिल हो गया।
आज कुल्हड़ कि चाय पीना एक स्टेटस सिंबल बन गया और इसमें चाय पीने मे एक विशेष अनुभूति को प्राप्त करना आनंदित करता हैं। लालू जी कि विशेष प्रेरणा ने तुच्छ को भी अहम बना दिया।
कुल्हड़ में चाय पीजिए
खुशियां अपार पाइए
अपने को केंसर से बचाए
पर्यावरण को बचाए
मिट्टी से जुडिए
जमीन से जुड़िए
कुल्हड़ में चाय पीजिए
खुशियां अपार पाइए।।
✍️ विजय पोखरणा "यस"
अजमेर
प्रिशा
04-Feb-2023 10:07 PM
बेहतरीन रचना
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Gunjan Kamal
12-Jan-2023 10:25 AM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻
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Sushi saxena
08-Jan-2023 08:04 PM
शानदार
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VIJAY POKHARNA "यस"
08-Jan-2023 08:42 PM
🙏🙏
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